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श्री महालक्ष्मी आरती-दुर्गे दुर्घट भारी:(Shri MahaLakshmi Aarti-Durga Durghat Bhari)
श्री महालक्ष्मी आरती-दुर्गे दुर्घट भारी shrimahalakshmi-aarti-durga-durghat-bhari || दुर्गे दुर्घट भारी || दुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी ।अनाथनाथे अंबे करुणा विस्तारी ॥वारी वारीं जन्ममरणाते वारी ।हारी पडलो आता संकट नीवारी ॥ १ ॥ जय देवी जय देवी जय महिषासुरमथनी ।सुरवरईश्वरवरदे तारक…
श्री महालक्ष्मी आरती-जय अम्बे गौरी:(Sri MahaLakshmi Aarti-Jai Ambe Gauri)
श्री महालक्ष्मी आरती srimahalakshmi-aarti-jai-ambe-gauri || जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी || जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी । तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को । उज्ज्वल…
श्री महालक्ष्मी आरती-ओम जय लक्ष्मी माता:(Shree MahaLakshmi Aarti-Om Jai Lakshmi Mata)
श्री महालक्ष्मी आरती shreemahalakshmi-aarti-om-jai-lakshmi-mata || ओम जय लक्ष्मी माता || ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥ओम जय लक्ष्मी माता॥ उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता, मैय्या तुम ही जग माता।सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि…
श्री महालक्ष्मी आरती-जय देवी विष्णुकांते:(Sri Mahalakshmi Aarti-Jai Devi Vishnukante)
श्री महालक्ष्मी आरती srimahalakshmi-aarti-jai-devi-vishnukante || जय देवी विष्णुकांते || जय देवी विष्णुकांते । महालक्ष्मी ग माते ।आरती ओंवाळीन तुज विज्ञानसरिते ॥ जय. ॥ धृ. ॥ मर्दिला कोल्हासुर । ख्याती केली की थोर ॥श्रीलक्ष्मी नाम तुझें ।दैत्य कांपती फार ॥ जय. ॥…
श्री महालक्ष्मी आरती- जगदंबेची आरती:(Sri Mahalakshmi Aarti- Jagadambechi Aarti)
श्री महालक्ष्मी आरती srimahalakshmi-jagadambechi-aarti || श्री जगदंबेची आरती || जय देवी जगदंबे । संकट देवा पडले ॥ इंद्रादि निर्जर जय जय वाणी । तुज स्तविती बद्धपाणी ॥ धृ. ॥ शुंभनिशुंभासाठी । सुर रिघती तव पाठी । प्रकट हिमाचळी होऊनि बाळा…
श्री महालक्ष्मी आरती-(श्री करवीरपुरवासिनीची आरती):Sri MahaLakshmi Aarti -(Shri Karveerpurvasini Aarti)
श्री महालक्ष्मी आरती srimahalakshmi-shri-karveerpurvasini-aarti || श्री करवीरपुरवासिनीची आरती || करवीरपुरवासिनी सुरवरमुनिमाता। पुरहरवरदायिनी मुरहरप्रियकांता ॥ कमलाकारें जठरी जन्मविला धाता। सहस्त्रवदनी भूधर न पुरे गुण गाता ॥ १ ॥ जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी । वससी व्यापकरुपें तुं स्थुलसुक्ष्मी ॥ धृ….
