भजन-“राम जी के भइले जनमवा”

हो…..

अरि अवध में, बाजै  बधै.या….

कौशल्या के, ललना… भई..

अरे. नौमी तिथि, अति शीत न घामा…

कौशल्या के, ललना… भई..

हो………

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अरि राम जी के, भइले जनमवा… हो..

हो….

अरि राम जी के भइले जनमवा

चला हो, करि आ.ई दरशनवा.

रानी कौशल्या, अरि पलना. झुलावैं….

रानी कौश..ल्या पलना. झुलावैं..

पलना झुलावैं, गुइयाँ पलना झुलावैं

पलना झुलावैं रामा.. पलना झुलावैं

रानी कौश..ल्या पलना झुलावैं

देखि के, विहसे परनवा

माई कौश..ल्या, बलि बलि जावैं ….

प्रकटे हैं राम भगवनवा

होत अनं..द, अवध नगरी में….

शोभवा न जा.ई बरनवा

तुलसीदा..स, स्वामी सुख सागर….

सुन्दर लाल सलोनवा