भजन-“देबि पुजि पद कमल तुम्हारे”

देबि पूजि पद कमल तुम्हारे

सुर नर मुनि सब होहिं सुखारे

जय जय गिरिबरराज किसोरी

जय महेस मुख चंद चकोरी

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जय गज बदन षड़ानन माता

जगत जननि दामिनि दुति गाता

नहिं तव आदि मध्य अवसाना

अमित प्रभाउ बेदु नहिं जाना

भव भव बिभव पराभव कारिनि

बिस्व बिमोहनि स्वबस बिहारिनि

सेवत तोहि सुलभ फल चारी

बरदायनी पुरारि पिआरी

देबि पूजि पद कमल तुम्हारे

सुर नर मुनि सब होहिं सुखारे

सुंदर सहज सुसील सयानी

नाम उमा अंबिका भवानी

मोर मनोरथु जानहु नीकें 

बसहु सदा उर पुर सबही कें 

अजा अनादि सक्ति अबिनासिनि

सदा संभु अरधंग निवासिनि

जग संभव पालन लय कारिनि

निज इच्छा लीला बपु धारिनि