Varkari Sanskruti

वारकरी परंपरा जपन्याचा छोटासा प्रयत्न

Tag: TulsiDas Bhajan

तुलसीदास भजन- “भरत भाई कपि से उरिन हम नाहीं” : (TulsiDas Bhajan-Bharat Bahi Kapi Se Urin Hum Nahi)

भजन– “भरत भाई कपि से उरिन हम नाहीं” tulsidas-bhajan-bharat-bahi-kapi-se-urin-hum || भरत भाई कपि से उरिन हम नाहीं || भरत भाई,  कपि से  उरिन  हम नाहीं…. कपि से  उरिन हम नाहीं सौ  योजन, मर्याद समुद्र की ये कूदी गयो छन माहीं….

तुलसीदास भजन-“भजमन राम चरण सुखदाई” : (Tulsidas Bhajan-Bhajamana Ram Charan Sukhadai)

भजन-“भजमन राम चरण सुखदाई” tulsidas-bhajan-bhajamana-ram-charan-sukhadai || भजमन राम चरण सुखदाई || जिहिं चरनन से  निकसि  सुरसरी, शंकर जटा समा.ई ।जटाशंकरी नाम पर्यो है त्रिभुवन तारन आई ॥ सोइ चरन, संतन जन सेवत,  सदा रहत सुखदाई ।सोइ चरन, गौतमऋषि-नारी, परसि परम, पद…

तुलसीदास भजन- “विघ्न हरन गौरी के नंदन” :(Tulsidas Bhajan-Vighna Haran Gauri Ke Nandan)

भजन– “विघ्न हरन गौरी के नंदन” tulsidas-bhajan-vighna-haran-gauri-ke-nandan || विघ्न हरन गौरी के नंदन || विघ्न हरन, गौरी के नंदन सुमिर सदा सुखदायी रे.. तुलसीदास जो गणपती सुमिरै कोटि विघ्न टल जाई रे.. वेद पुरान कथा से पहले.. जो सुमिरै सुखदायी रे…..

तुलसीदास भजन-“प्रगट भये सिरि राम हो रामा” : (TulsiDas Bhajan-Pragat Pragata Bhaye Siri Ram Ho Rama)

भजन-“प्रगट भये सिरि राम हो रामा” tulsidas-bhajan-pragat-bhaye-siri-ram-ho-rama || प्रगट भये सिरि राम हो रामा || प्रगट भये सिरि राम, हो रामा चैत महिनवा. जनम लीन्ह, भगवान हो रामा चैत महिनवा. सरजू. तीरे नगरी अयोध्या. सरजू तीरे नगरी अयोध्या… जनम लिहिन…

तुलसीदास भजन-“राम जी के भइले जनमवा”:(Tulsidas Bhajan-Ram Ji Ke Bhaile Janamva)

भजन-“राम जी के भइले जनमवा” tulsidas-bhajan-ram-ji-ke-bhaile-janamva || राम जी के भइले जनमवा || हो….. अरि अवध में, बाजै  बधै.या…. कौशल्या के, ललना… भई.. अरे. नौमी तिथि, अति शीत न घामा… कौशल्या के, ललना… भई.. हो……… अरि राम जी के, भइले…

तुलसीदास भजन-“देबि पुजि पद कमल तुम्हारे” : (Tulsidas Bhajan-Debi Puji Pad Kamal Tumhare)

भजन-“देबि पुजि पद कमल तुम्हारे” tulsidas-bhajan-debi-puji-pad-kamal-tumhare || देबि पुजि पद कमल तुम्हारे || देबि पूजि पद कमल तुम्हारे सुर नर मुनि सब होहिं सुखारे जय जय गिरिबरराज किसोरी जय महेस मुख चंद चकोरी जय गज बदन षड़ानन माता जगत जननि…

तुलसीदास भजन- “बिस्वनाथ मम नाथ पुरारी” : (Tulsidas Bhajan-Biswanath Mam Nath Purari)

भजन– “बिस्वनाथ मम नाथ पुरारी” tulsidas-bhajan-biswanath-mam-nath-purari || बिस्वनाथ मम नाथ पुरारी || बिस्वनाथ मम नाथ पुरारी  त्रिभुवन महिमा बिदित तुम्हारी चर अरु अचर नाग नर देवा सकल करहिं पद पंकज सेवा कुंद इंदु दर गौर सरीरा  भुज प्रलंब परिधन मुनिचीरा भुजग…

तुलसीदास भजन-“बंदऊँ गुरु पद पदुम परागा” : (TulsiDas Bhajan-Bandaon Guru Pad Padum Paraga)

भजन-“बंदऊँ गुरु पद पदुम परागा” tulsidas-bhajan-bandaon-guru-pad-padum-paraga || बंदऊँ गुरु पद पदुम परागा || दऊँ गुरु पद पदुम परागा सुरुचि सुबास सरस अनुरागा गुरु पद रज मृदु मंजुल अंजन नयन अमिअ दृग दोष बिभंजन जे गुर चरनु रेनु सिर धरहीं ते…

तुलसीदास भजन-“मातु पिता गुर प्रभु कै बानी” : (TulsiDas Bhajan-Matu Pita Guru Prabhu Ke Bani)

भजन-“मातु पिता गुर प्रभु कै बानी” tulsidas-bhajan-matu-pita-guru-prabhu-ke-bani || मातु पिता गुर प्रभु कै बानी || मातु पिता गुर प्रभु कै बानी बिनहिं बिचार करिअ सुभ जानी मातु पिता गुर स्वामि निदेसू सकल धरम धरनीधर सेसू चारि पदारथ करतल ताकें प्रिय…