Category: Sant Bhanudas Abhang-Balkrida
संत भानुदास अभंग-बालक्रिडा :(Sant Bhanudas Abhang-Balkrida)
अभंग,संत भानुदास बालक्रिडा- sant-bhanudas-abhang-balkrida || संत भानुदास अभंग-बालक्रिडा || ८२ उठी तात मात भये प्रात रजनी सो तीमीर गई ।मीलत बाल सकल ग्वाल सुंदर कान्हाई ॥१॥ जागों गोपाल लाल जागो गोविंदलाला जाननी बल जाई ॥धृ०॥संगीत सब फीरत बयन तुमबीन नहीं…