Category: Ruskan Bhajan-Pran Vahi Ju Rahe Rijhi Vapar
रसखान भजन-“प्रान वही जु रहैं रिझि वापर” : (Raskhan Bhajan-Pran Vahi Ju Rahe Rijhi Vapar)
भजन-“प्रान वही जु रहैं रिझि वापर” raskhan-bhajan-pran-vahi-ju-rahe-rijhi-vapar || प्रान वही जु रहैं रिझि वापर || प्रान वही जु रहैं रिझि वापर, रूप वही जिहिं वाहि रिझायो। सीस वही जिहिं वे परसे पग, अंग वही जिहीं वा परसायो दूध वही जु…