Category: Raskhan Bhajan-Sankar Se Sur Jahim Japaim
रसखान भजन-“संकर से सुर जाहिं जपैं”: (Raskhan Bhajan-Sankar Se Sur Jahi Japaim)
भजन-“संकर से सुर जाहिं जपैं” raskhan-bhajan-sankar-se-sur-jahim-japaim ||संकर से सुर जाहिं जपैं || संकर से सुर जाहिं जपैं चतुरानन ध्यानन धर्म बढ़ावैं। नेक हिये में जो आवत ही जड़ मूढ़ महा रसखान कहावै।। जा पर देव अदेव भुअंगन वारत प्रानन प्रानन…