Varkari Sanskruti

वारकरी परंपरा जपन्याचा छोटासा प्रयत्न

Category: Raskhan Bhajan-Kanan Dai Anguri Rahihoun

रसखान भजन-“कानन दै अँगुरी रहिहौं” : (Raskhan Bhajan-Kanan Dai Anguri Rahihoun)

भजन-“कानन दै अँगुरी रहिहौं” raskhan-bhajan-kanan-dai-anguri-rahihoun || कानन दै अँगुरी रहिहौं || कानन दै अँगुरी रहिहौं, जबही मुरली धुनि मंद बजैहै। मोहिनि तानन सों रसखान, अटा चढ़ि गोधुन गैहै पै गैहै॥ टेरि कहौं सिगरे ब्रजलोगनि, काल्हि कोई कितनो समझैहै। माई री…